*युवाओं तुम मत मानो महावीर*
मत मानो महावीर को
पर उन्हें जान तो लो
आश्चर्य है
आज पाखंडों को देख
तुम्हें धर्मों से नफ़रत हो गई है
पर स्वार्थी दुनिया के अनंत पाखंड देखकर भी तुम उसमें तो लगे हुए हो ,क्यों ?
क्यों कि तुम्हें उसी दुनिया से अपना काम बनाना है ।
ठीक यही काम धर्म के साथ करो ,
कुछ धर्मात्माओं के पाखंड देखकर ,धर्म से नफरत मत करो ।
इसलिये कहता हूं ,भले ही अभी
धर्म को मत मानो ,पर जान तो लो ,
आत्म धर्म को समझना तुम्हारा मौलिक अधिकार है ।
आज जान लोगे तो कल पाल भी लोगे ।
पालन के भय से उसे यदि आज जान भी न पाए तो जब एक दिन दुनिया का यथार्थ समझ में आ जायेगा और
अंत हीन भटकन से उकता
जाओगे ,
तब ,कहाँ जाओगे ?
महावीर को जानोगे
उनसे कला सीखे रहोगे
तो ऐसे आड़े वक्त पर वे और उनका तत्वज्ञान काम आएंगे।
तुम्हें तुम्हारा भान करवाएंगे ।
अपने आत्मा को जानने और अनुभव करने की कला तुम्हें तब काम आएगी ,
आज समझ लोगे तो कल
नैया पार लग जायेगी ।
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प्रो अनेकांत कुमार जैन ,नई दिल्ली
20/4/24