Wednesday, January 9, 2013

संत या फिर अंत



    संत या फिर अंत
        कुमार अनेकान्त

जब भारत से ही उठ जायेगा संतों का सम्मान
तब फिर कौन कहेगा इसको राष्ट्र महान

माया के भी राज में हुआ था संतों का अपमान
राज पाट सब गया अटके सी.बी.आई में प्राण

नरेन्द्र मोदी जीते बहुमत से हुए हैं शहंशाह
जिनके वर से जीते कर लो उनकी भी परवाह

नए साल में हुआ है गुजरात में संतों पर हमला
ऐसा अशुभ संकेत ना कर दे सरकार को कंगला

लोकपाल की नियुक्ति से ही शुरुआत हो गई है
पी एम् के सपने में भी सेंध लग गई है

देखो कुंडली का राज योग भी बदल जाता है
कब  दिन फिर जायें,पुण्य नष्ट हो जाता है

संतों के खून से कभी सिंहासन ना बनते हैं
जो आकाश में उड़े वो धरती पर भी गिरते हैं

अभी वक्त है मांगो माफ़ी,बचाओ अपनी शान
कड़ी कार्यवाही से कर दो दोषियों को नाकाम

कह दो गुजरात में हर संत उन्मुक्त विचरेगा
काट देगा मोदी वो हाथ जो संतों पर उठेगा