कुमार अनेकान्त की कवितायें
Monday, November 10, 2014
तुम मिले वर्षों बाद
तुम मिले वर्षों बाद
सबके बीच
बहुत कुछ कहते रहे
चली बातचीत
मैंने कुछ नहीं सुना
जो तुमने कहा
पर वो सब कुछ सुना
जो तुमने नहीं कहा
सबके बीच
शब्दों की नहीं मुहताज
वो चीज ।
-कुमार अनेकांत
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